मेराज का वाकिया इस्लामिक तारिख में एक अहम् तरीन वाकिया है जिसमे मुहम्मदुर रसूलल्लाह ﷺ को अल्लाह तआला ने अपनी बड़ी बड़ी निशानियों को दिखाया, उनसे अम्बिया की मुलाकात कराई, उन्हें आसमानो की सैर करवाई गयी, उन्हें जन्नत और दोज़ख को दिखाया गया और सबसे बड़ी बात के उन्हें अल्लाह की तरफ से एक अज़ीम तोहफा दिया गया जो के उनकी पूरी उम्मत के लिए था, और वो तोहफा था पांच नमाज़.
आइये मेराज के बारे में थोड़ी तफ्सील से जानें:
मेराज दरअसल एक सफर नहीं बल्कि दो सफर का पूरा वाकिया है जिसे अगर इसरा और मेराज का सफर कहें तो ज़्यादा बेहतर होगा, क्योंके एक सफर में आप ﷺ मस्जिद-हराम (खान-ए-काबा) से मस्जिदे अक़्सा (बैतूल मक़दिस) को गए और फिर दूसरा सफर आसमानों का किया जहाँ आप सातों आसमान पे गए और सिदरतुल मुंतहा पे भी आपको ले जाया गया और फिर आपको जन्नत और जहन्नुम की भी सैर कराई गयी.