रसूल का मर्तबा नबी से बड़ा होता है. हर रसूल अव्वलन नबी होता है और फिर रसूल के मर्तबे को पाता है मगर हर नबी रसूल नहीं हो सकता. यही वजह है के दुनिया में एक लाख चौबीस हज़ार से भी ज़्यादा नबी आये मगर रसूल सिर्फ तीन सौ तेरह हुए.
ये तो हुई मर्तबे की बात. अब आइये देखते हैं के नबी कौन हैं और उनको अल्लाह ने कौन से काम सौंपे थे और रसूल के बारे में क्या बयां किया गया है और उनके सुपुर्द कौन से अहकामात हैं.
नबी वो हैं जिन्हें अल्लाह ने हिदायत दे कर भेजा है और जिन्हें अल्लाह ने बहुत से राज बताये हैं और वही की है, मगर जिन्हें अल्लाह ने तबलीग़ करने का हुक्म नहीं दिया. कुछ उलेमा का इत्तेफ़ाक़ ये भी रहा है के नबी जो भी हुए उनका मक़सद सिर्फ और सिर्फ पहले के शरीअत को ही मानना और उसी को आगे बढ़ाना था.
मगर रसूल वो हैं जिन्हें अल्लाह ने वही के ज़रिये, या खुद कलाम कर के या किताब के ज़रिये हिदायत दी और साथ ही उन्हें क़ौम के लोगों को रह रास्त पे लाने का हुक्म दिया उन्हें तबलीग़ का काम सौंपा गया के वो उस क़ौम को जिसमे उन्हें भेजा गया है, उसे सही रास्ते पर लाएं और अल्लाह के बताये गए शरीअत को लागू करें.
कहने का मतलब ये है के रसूल जब भी भेजे गए, उन्हें या तो अल्लाह ने नयी शरीअत के साथ भेजा, या उन्हें किताब आता की, या फिर उन्हें तब भेजा जब किसी शरीअत में पूरी तरह बिगाड़ पैदा हो गया और वो क़ौम पूरी तरह से अल्लाह के राह से भटक गयी.
नबी को अल्लाह ने अक्सर ही भेजा, जिनके लिए कोई नया हुक्म नहीं था, मगर वो चली आ रही शरीअत को ही आगे ले जाते, जिसे अल्लाह के हुक्म से रसूल ने नाफ़िज़ किया हो. फिर इनके बाद कोई और नबी फिर कोई और नबी.......और इस तरह नबी के आने का सिलसिला चलता रहता और जब दीन में बहुत ही ज़्यादा बिगाड़ पैदा हो जाता फिर अल्लाह रसूल को भेजते.
हमारे सबसे पहले नबी हज़रते आदम अलैहिस्लाम हैं जिन्हें अल्लाह तआला ने बहुत सी तालीमात के साथ भेजा और हमारे पहले रसूल हज़रते नूह अलैहिस्सलाम हैं जिन्हें अल्लाह ने एक नयी शरीअत के साथ रिसालत अता की.
इसलिए हम किसी भी रसूल को नबी बेशक़ कह सकते हैं मगर किसी नबी को हरगिज़ भी रसूल नहीं कह सकते.
अक्सर दो रसूलों के दरमियान बहुत से अम्बिया अलैहि० भेजे गए. ऐसा भी हुआ है के रसूल के साथ नबी को भी भेजा गया ताके नबी, रसूल के काम में उनकी मदद कर सकें.
जैसे हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम जो के रसूल थे, उनकी दुआ क़ुबूल करते हुए अल्लाह टाला ने उनकी मदद के लिए उनके भाई हज़रत हारुन अलैहि० को भेजा जो सिर्फ नबी थे.
बहोत बढ़िया
ReplyDeleteमाशा अल्लाह बेहतरीन.
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteमाशा अल्लाह
ReplyDeleteSubhan allah
ReplyDeleteजज़ाक़ अल्लाह खैरन
ReplyDeleteMasaallha
ReplyDeleteMasha Allah
ReplyDeleteMasha allah
ReplyDeletesubhanallah
ReplyDeleteSubhan Allah
ReplyDeleteSdd
ReplyDeleteAllah kis chij ka motaj hai bataye
ReplyDeleteAllah kis chij ka motaj hai bataye
ReplyDeleteChar yaar navi ke
ReplyDeleteKon se hain
ReplyDeleteMasha Allah
ReplyDelete2 allah ta'ala ne masalsal 2 rasool bhi bheje hain. Hajrat isa a.S.wa akhri nabi hajrat muhammed s.A.w.
ReplyDeleteMashallah
ReplyDeleteMasha Allah
ReplyDeleteZazak Allah
ReplyDelete