रमजान-रहमतों वाला बा-बरकत महीना



जब रमजान का महीना आता है तो जन्नत के, रहमत के और आसमान के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं. दोज़ख के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं और शैतान को बेड़ियों में जकड दिया जाता है.
रमजान का महीना बा-बरकत महीना है, यही वो अफ़ज़ल महीना है जिसमे क़ुरआन नाज़िल हुआ. इस महीने में एक रात ऐसी भी है जो बड़ी क़द्र, अमन-ओ-सलामती और बरकत वाली रात है, ये रात हज़ार महीने से अफ़ज़ल है जिसे लयतुल-क़द्र कहते हैं और जिसे रमजान के आखरी अशरे की ताक रातों में तलाश करनी चाहिए.
इस महीने में हर रात को एक मुनादी निदा करता है के ऐ खैर की तलाश करने वाले आगे बढ़ो, और ऐ बुराई की तलाश में निकलने वाले बाज़ आ जाओ. इस महीने में हर रात को अल्लाह तआला बहुत से लोगों को दोज़ख से आज़ाद कर देता है.

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